वेदना
हम जो कहना चाहते हैं,
वो नहीं कहेंगे तो
कौन कहेगा !
हम जो सहते हैं,
वो नहीं सहेंगे तो
कौन सहेगा !
कौन वेदना से
आजतक
बच पाया है ?
शब्द भी अधूरे रह जाते हैं,
जब वेदना की बात आती है।
जीवन का यह पहलू
अनकहा ही रह जाता है।
मानो कोई
उपजाऊ ज़मीन
रहकर भी
फल न देती हो!
अतुलनीय
जवाब देंहटाएं🙏
जवाब देंहटाएं