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रंग

 रंग लाए हो ? श्वेत से ही रंगना।  लाल और काला बहुत तंग करते हैं। कुछ समय ही सही, सत्व गुण अनुभूत होगा श्वेत से ही रंगना। रजस् और तमस् की ओर रूझान   हर मानस में रहते हैं। सच कहूँ तो हम तीनों में संतुलन कर इनके संग कहाँ चलते हैं।

संयोग

शब्दों से व्यक्त करके  मैं मेरी भावनाओं को  प्रदार्थ रूप नहीं दूँगा। प्यार , नफरत , साथ मिलन , विरह, वेदना  यहाँ जो भी घटता है सब संयोग मात्र है । शून्यता की परिधि से  हटाकर अंतःप्रज्ञा को नित्य रूप नहीं दूँगा ।

जीवन

संयम नहीं तो संबल कहाँ से पायेगा; कैसे जीवन दुश्वारियों से पार पायेगा; पग पग पर परीक्षाओं का घेरा पड़ा है, कैसे जीव दो पल सुकून से बैठ पायेगा ? ___________ हरदम बातें रूहानी हो यह संभव तो नहीं; हर एक आशाएँ पूरी हो यह संभव तो नहीं; रहा हैं निराशा से अछूता यहाँ! कोई ? इस  अग्नि-लीक से बचा हो यह संभव तो नहीं!

लहज़ा

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